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Supreme court ने कहा-Ramdev हाजिर हों

Supreme court ने पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले मेंRAMDEV स्वामी Ramdev (पतंजलि के को-फाउंडर) और पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है। कंपनी और आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया, जिसकी वजह से यह आदेश जारी किया गया है।

अब उन्हें अगली तारीख पर कोर्ट में पेश होना होगा। कोर्ट ने नोटिस जारी कर ये भी पूछा है कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले 27 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी।

27 फरवरी की सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगाई थी। इसके अलावा अवमानना कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दरअसल, कोर्ट ने पिछले साल भ्रामक विज्ञापन जारी नहीं करने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज किया।

कृपया RAMDEV बाबा के बारे में और जानें

कोर्ट के आदेश के बाद भी पतंजलि ने जारी किए थे विज्ञापन
इससे पहले हुई सुनवाई में आईएमए ने दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में प्रिंट मीडिया में जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश किया। इसके अलावा 22 नवंबर 2023 को पतंजलि के CEO बालकृष्ण के साथ योग गुरु RAMDEV की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी बताया। पतंजलि ने इन विज्ञापनों में मधुमेह और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था।

ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के ठीक एक दिन बाद की गई थी। 21 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई में जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा था- पतंजलि को सभी भ्रामक दावों वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा और हर एक प्रोडक्ट के झूठे दावे पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगा सकता है।

कोर्ट ने कहा था- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है
पिछली सुनवाई में बेंच ने कहा था- पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती।

कोविड की दवा बनाने के दावे को लेकर घिरी थी पतंजलि
RAMDEV बाबा ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा भी पतंजलि अपने कुछ अन्य प्रोडक्ट्स को लेकर विवादों में रही है।

  • 2015 में कंपनी ने इंस्टेंट आटा नूडल्स लॉन्च करने से पहले फूड सेफ्टी एंड रेगुलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस नहीं लिया था। इसके बाद पतंजलि को फूड सेफ्टी के नियम तोड़ने के लिए लीगल नोटिस का सामना करना पड़ा था।
  • 2015 में कैन्टीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ने पतंजलि के आंवला जूस को पीने के लिए अनफिट बताया था। इसके बाद CSD ने अपने सारे स्टोर्स से आंवला जूस हटा दिया था। 2015 में ही हरिद्वार में लोगों ने पतंजलि घी में फंगस और अशुद्धियां मिलने की शिकायत की थी।
  • 2018 में भी FSSAI ने पतंजलि को मेडिसिनल प्रोडक्ट गिलोय घनवटी पर एक महीने आगे की मैन्युफैक्चरिंग डेट लिखने के लिए फटकार लगाई थी।
  • कोरोना के अलावा रामदेव बाबा कई बार योग और पतंजलि के प्रोडक्ट्स से कैंसर, एड्स और होमोसेक्सुअलिटी तक ठीक करने के दावे को लेकर विवादों में रहे हैं
  • बाबा RAMDEV भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति अपनी अनूठी प्रेम और समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें योग, प्राणायाम, आयुर्वेद, और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है। उनके योगासन और प्राणायाम के विशेषज्ञता ने उन्हें देश और विदेश में एक प्रमुख आध्यात्मिक गुरु बना दिया है।

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